"संस्कारशाला"।
शहीद राजपाल डीएवी विद्यालय दयानंद विहार द्वारा संचालित की जा रही वह गतिशील प्रक्रिया है , जिसके माध्यम से छात्रों को अच्छी शिक्षा के साथ-साथ अच्छे संस्कारों से भी सुसज्जित किया जा रहा है । दिनांक 26 अक्टूबर 2021 के दिन संस्कारशाला का शुभारंभ किया गया था । वर्तमान समय में छात्रों के माता-पिता, दादा-दादी, नाना-नानी एवं विद्यालय के सुयोग्य अध्यापकों के माध्यम से विद्यालय की प्रधानाध्यापिका श्रीमती विनीता कपूर जी के निर्देशन में इस संस्कारशाला का आयोजन प्रत्येक सप्ताह सोमवार के दिन किया जा रहा है। विद्यालय की ओर से प्रयास किया जा रहा है कि हमारे छात्र अच्छी एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ-साथ भारतीय संस्कृति , इतिहास , दर्शन, संस्कार और भारत के विभिन्न महापुरुषों और उनके विचारों को जानकर स्वयं के लिए एक अच्छे व स्वस्थ मार्ग का चयन कर सकें। क्योंकि कहा भी गया है - स्वस्ति पंथामनुचरेम
यहाँ संस्कारशाला के अंतर्गत की जाने वाली गतिविधियों की एक प्रस्तुति है:
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1. |
स्वामी विवेकानन्द वेदान्त के विख्यात और प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरु थे। उनका वास्तविक नाम नरेन्द्र नाथ दत्त था। उन्होंने अमेरिका स्थित शिकागो में सन् 1893 में आयोजित विश्व धर्म महासभा में भारत की ओर से सनातन धर्म का प्रतिनिधित्व किया था ।भारत का आध्यात्मिकता से परिपूर्ण वेदान्त दर्शन अमेरिका और यूरोप के हर एक देश में स्वामी विवेकानन्द की वक्तृता के कारण ही पहुँचा था ।
हमारा विद्यालय 12 जनवरी के इस पावन दिवस को 'संस्कारशाला' के माध्यम से स्वामी विवेकानंद जी के जन्मदिवस के रूप में मना रहा है । आइए उस महान व्यक्तित्त्व को उनकी जन्मजयंती पर नमन करते हैं ।
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January 12, 2022 |
2. |
भारतीय परंपरा में अनेक ऋषि-मुनि , साधु-संन्यासी हुए हैं जिन्होंने मानव सभ्यता के लिए प्रत्येक क्षेत्र में कार्य किया है । अमर हुतात्मा स्वामी श्रद्धानंद भी उनमें से ही एक हैं । स्वामी श्रद्धानंद जी एक ऐसा व्यक्त्तित्व थे जो भारतीय शिक्षाप्रणाली, सामाजिकता , भारतीय संस्कृति, भारतीय स्वतंत्रता के लिए अंतिम श्वांस तक लड़ते रहे । हमारा विद्यालय भी 23 दिसंबर के दिन को संस्कारशाला के माध्यम से *स्वामी श्रद्धानंद जी* के *बलिदान-दिवस* के रूप में मना रहा है । विद्यालय के अध्यापक श्री ब्रह्मदेव जी एवं छात्रों ने भी आज अपने भावों के माध्यम से स्वामी श्रद्धानंद जी के श्रीचरणों में अपने श्रद्धासुमन अर्पित किए हैं । आइए सभी के भावों को सुनते हुए स्वामी जी को शत्-शत् नमन करते हैं ।
https://youtu.be/hWkm2kOLCPE
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December , 23, 2021 |
3. |
माँ एक ऐसी सुखद अनुभूति है जो बच्चे का जीवन होने के साथ-साथ उसकी प्रथम गुरु भी हुआ करती है । नौ मास गर्भ में बच्चे को रखकर सभी कष्टों को सहती है । जन्म के पश्चात् पूर्ण रूप से बच्चे के लिए ही समर्पित हो जाया करती है। शास्त्रों में भी माँ को स्वर्ग से भी बढ़कर- "जननी जन्मभूमिश्च स्वगादपि गरीयसी कहा है । माता को पालनकर्त्री कहा है । संस्कारशाला में हमारा आज का विषय भी यही है "माता को पालनकर्त्री कहा जाता है । बच्चे के जीवन का तीर्थ कहा जाता है । क्यों ? आइए हमारे शास्त्रों में माता का वर्णन किस प्रकार किया है, जानने का प्रयास करते हैं और छात्रों के अभिभावकों के विचारों को सुनते हैं ।
https://youtu.be/XPWQO-e7yh0
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December 6, 2021 (MONDAY) |
4. |
संस्कारशाला में आगामी सप्ताह का विषय है " पितृ यज्ञ " ।
पितृ यज्ञ में अभिवादन करना और माता-पिता , बड़े- बुजुर्गों की सेवा करने के संबंध में बताया गया है ।
अभिवादन अर्थात नमस्ते करना इसका वैज्ञानिक दृष्टिकोण क्या है एवं इससे जुड़े और तथ्यों को समझने के लिए आइए श्री जी पी अधिकारी जी के विचार सुनते हैं।
https://youtu.be/76lubGXwdmI
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November 29, 2021 (MONDAY) |
5. |
भारत की एकता और अखंडता के लिए लाला लाजपत राय जी का अविस्मरणीय योगदान रहा है। लाला लाजपत राय जी देश की स्वतंत्रता एवं स्वाधीनता में जननायक की भूमिका का निर्वहन करने वाले, डीएवी विद्यालयों का प्रसार करने वाले, आर्यसमाज के प्रचारक एवं समाजोद्धारक के रूप में संपूर्ण भारतवर्ष में विख्यात थे । लाला लाजपत राय स्वाधीनता संग्राम के सेनानियों में गरम दल के नेता थे । सन् 1928 में साइमन कमीशन के विरुद्ध विरोध-प्रदर्शन में लाठीचार्ज में लाला जी बहुत ही गंभीर रूप से घायल हो गए थे । अत्यधिक रक्तस्राव और चोटों के कारण आज ही 17 नवंबर 1928 के दिन इस महान आत्मा ने अपने भौतिक शरीर को त्यागकर प्रभुचरणों को प्राप्त किया था । लाला लाजपतराय जी को श्रद्धासुमन अर्पित करके हुए शहीद राजपाल डीएवी विद्यालय उन्हें शत्-शत् नमन करता है ।
https://youtu.be/lOybgIdai9c
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November 22, 2021 (MONDAY) |
6. |
भारत की एकता और अखंडता के लिए श्री गुरु नानक देव जी का अविस्मरणीय योगदान है। आज श्री गुरु नानक देव जी हमारे आराध्य के रूप में हमारे विचारों और संस्कारों में दिखाई देते हैं । कार्तिक पूर्णिमा के दिन को हम सभी प्रकाश उत्सव के रूप में हर्षोल्लास के साथ मनाया करते हैं । यह दिन हम सभी भारतीयों के लिए अत्यधिक गर्व का दिन है ।
श्री गुरु नानक देव जी ने हमें मानव कल्याण का मार्ग दिखाया सामाजिक कुरीतियों को दूर किया, सामाजिक भेदभाव को दूर करके प्रेम पूर्वक जीवन को जीना सिखाया । आज हमारा विद्यालय भी ऐसे आराध्यदेव जी के जन्मोत्सव को हर्षोल्लास से मना रहा है ।इस अवसर पर विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने भी श्री गुरुनानक देव जी के विषय में अपनी प्रस्तुतियों के द्वारा अपने भाव व्यक्त किए हैं । आइए वीडियो के माध्यम से छात्र-छात्राओं की प्रस्तुतियों से जुड़ते हैं। आप सभी को प्रकाशोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएँ ।
https://youtu.be/ckQwRhttl94
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November 19, 2021 (FRIDAY) |
7. |
इस सप्ताह का विचार है - ' महात्मा हंसराज जी निर्वाणदिवस और डीएवी परिवार ' हम सभी महात्मा हंसराज जी के जीवन, उनके सामाजिक कार्य एवं डीएवी परिवार की स्थापना एवं स्थापना की आवश्यकता क्यों हुई ? आज हमारा डीएवी परिवार रूपी वटवृक्ष कितना विशाल हो चुका है । गुणवत्तापूर्ण एवं संस्कारयुक्त शिक्षा के क्षेत्र में यह अग्रणी संस्था के रूप में डी ए वी परिवार कार्य कर रहा है। इसविषय में श्री देव जी के विचारों के माध्यम से चिंतन करें कि हमें महात्मा हंसराज जी के विचारों को सार्थक करने के लिए अपने आप को और कितना परिमार्जित करने की आवश्यकता है।
https://youtu.be/Hjyu1a7M-50
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November 15, 2021 (MONDAY) |
8. |
आदरणीय अविभावकगण अग्रिम सप्ताह का विचार है -
गोवर्धन पूजा क्यों की जाती है? इसका वास्तविक अर्थ क्या है ? यह कैसे हमारी संस्कृति का एक अभिन्न अंग बन गयी ? क्या गौधन से लाभ हमें तब ही प्राप्त हो सकते हैं जब उनके पालन-पोषण की व्यवस्था अच्छी प्रकार से की जा सके ? श्री कृष्ण ने भी गोधन की सुरक्षा एवं पालन-पोषण की व्यवस्था के लिए उचित मार्ग अपनाया था । आज के आधुनिक समय में गोवर्धन की आवश्यकता के महत्त्व पर अपने विचार प्रस्तुत करें ।
यह विचार छात्रों के माता-पिता के लिए है । जो भी अविभावक इस विषय पर अपने विचार प्रस्तुत करना चाहते हैं , वे अपना नाम कक्षाध्यापक/ अध्यापिका को मंगलवार सायंकाल तक भेजें ।
धन्यवाद !
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November 1, 2021 (MONDAY) |